एसपी कौशाम्बी को अवमानना नोटिस, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 4 मार्च को पेश होने का दिया निर्देश
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Contempt notice to SP Kaushambi
प्रयागराज। Contempt notice to SP Kaushambi: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एसपी कौशांबी को अवमानना नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने छह सितंबर, 2024 के आदेश का अनुपालन हलफनामा दाखिल करने अथवा चार मार्च को उपस्थित होने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने रसूलपुर बड़ागांव निवासी शिव कुमार की अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याची की तरफ से अधिवक्ता अशोक कुमार श्रीवास्तव व शबाना आजमी ने बहस की। बताया कि कौशांबी थाने के दारोगा दिलीप कुमार व कॉन्स्टेबल सौरभ बेवजह परेशान कर रहे हैं और मारा-पीटा है।
इसकी एफआइआर दर्ज नहीं की जा रही है। हाई कोर्ट ने पुलिस के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट सहित मारपीट के आरोप में एफआइआर दर्ज कर कार्रवाई करने का आदेश दिया था।
एफआइआर दर्ज कर ली गई, लेकिन दोषी पुलिस के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। आदेश का पूरी तरह से पालन नहीं किए जाने पर माह अवमानना याचिका दायर की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को पलटा
बता दें कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने 13 साल पहले सामूहिक हत्याकांड के मामले में मौत की सजा पाए गंभीर सिंह को बरी कर दिया है। नौ मई 2012 की सुबह सामूहिक हत्याकांड से अछनेरा का गांव तुरकिया दहशत में आ गया। घर के दो कमरों में परिवार के छह सदस्यों के रक्त रंजित शव पड़े थे।
हाई कोर्ट ने दिया था मृत्युदंड का आदेश
आरोप लगा कि घर के मंझले बेटे गंभीर सिंह ने अपने बड़े भाई सत्यभान, उसकी पत्नी और चार बच्चों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी। सेशन कोर्ट ने घटना को गंभीर को मृत्युदंड दिया, जिसे हाई कोर्ट ने सजा बरकरार रखी।
13 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने दोषी को रिहाई दे दी
13 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने सजा को निरस्त करते हुए गंभीर को दोष मुक्त कर तत्काल जेल से रिहाई का आदेश दिए। रविवार को सुप्रीम फैसले की जानकारी मिलने पर पूरा गांव अवाक रह गया। हर गली और नुक्कड़ पर हत्याकांड और गंभीर सिंह की ही चर्चा थी।
अछनेरा क्षेत्र के गांव तुरकिया में नौ मई 2012 को किसान सत्यभान, उनकी पत्नी पुष्पा, छह वर्षीय बेटी आरती, तीन वर्षीय मछला, दो वर्षीय गुड़िया और चार वर्षीय बेटा कन्हैया की हत्या के कुछ घंटे बाद ही सत्यभान के छोटे भाई गंभीर, उसके नाबालिग दोस्त और बहन गायत्री को घटना वाले दिन ही जेल भेज दिया था।